विश्व की 20 प्रमुख विकसित और विकासशील देशों के समूह जी-20 का 16वां शिखर सम्मेलन 30-31 अक्टूबर, 2021 को इटली की राजधानी रोम में सम्पन्ना हुआ।
• शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय (Theme) Preparing for pandemics रहा।
• सम्मेलन की मेजबानी करते हुए इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने विश्व के कम सम्पन्ना देशों के लिए कोरोना रोधी टीकों की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों को गति देने का आह्वान किया।
• सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित जी-20 देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।
• जी-20 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। अपने संबोधन में भारतीय प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के विरु( लड़ाई में भारत के योगदान पर प्रकाश डाला और 150 से अधिक देशों को चिकित्सा आपूर्ति का भी उल्लेख किया।
• सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा-पत्र में वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक नियंत्रित रखने के लिए, बड़े कारोबार पर लगने वाले वैश्विक न्यूनतम कर, कोयला चालित ताप विद्युत संयंत्रों हेतु सार्वजनिक वित्त पोषणा समाप्त करने पर सहमति बनी।
जी-20: एक दृष्टि में
• समूह-20 की स्थापना की संस्तुति विश्व के सात शीर्ष औद्योगिक देशों के संगठन ‘समूह-7’ ने सितम्बर 1999 में की थी। इसके 20 सदस्यों में भारत, अर्जेन्टीना, आॅस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, चीन, फ्रांस, जर्मनी इण्डोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अमेरिका शामिल हैं। शिखर सम्मेलन के आयोजक देश को संगठन का अध्यक्ष कहा जाता है। • ‘समूह-20’ के गठन का उद्देश्य विश्व के बड़े औद्योगिक देशों और बाजार के रूप में तेजी से उभरते राष्ट्रों के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक व वित्तीय व्यवस्था से सम्बन्धित महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुले और रचनात्मक संवाद को प्रोत्साहित करना है।