

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 4 जनवरी, 2023 को सम्पन्ना केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की बैठक में देश में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹ 19,744 करोड़ की प्रोत्साहन योजना
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) को स्वीकृति दी गई।
- ग्रीन हाउस गैसों, विशेष रूप से कार्बन के उत्सर्जन में कटौती को सुनिश्चित करने वाली इस योजना से वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन के भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक प्रतिवर्ष 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में ₹ आठ लाख करोड़ के निवेश का अनुमान है। इससे वर्ष 2030 तक छह लाख नए रोजगार के अवसर भी सृजित होने का अनुमान है।
हरित हाइड्रोजन क्या है? - हरित हाइड्रोजन जल के अपघटन ;जल को हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए एक ऊर्जा गहन प्रक्रियाद्ध के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन गैस है।
- हरित हाइड्रोजन किसी भी प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन को संदर्भित करता है, जो ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करता है।
- भारत की सबसे बड़ी तेल कम्पनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन कार्बन उत्सर्जक इकाइयों को परिवर्तित करने के लिए वर्ष 2024 तक अपनी मथुरा एवं पानीपत रिफाइनरियों में ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ संयंत्र स्थापित करेगी।\
- उल्लेखनीय है कि रिफाइनरियों में पेट्रोल एवं डीजल से अतिरिक्त सल्फर को हटाने के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है।