संसद ने 6 अप्रैल, 2022 को आपराधिक प्रक्रिया ;पहचानद्ध विधेयक, 2022 [The Criminal Procedure (Identification) Bill 2022) को पारित कर दिया।
• यह विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम 1920 (Identification of Prisoners Act 1920) का स्थान लेगा।
• विधेयक में जांच अधिकारियों को दोषियों और अपराध के मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान के लिए बायोमेट्रिक और उनके विभिन्ना शारीरिक विवरणों के नमूने लेने का अधिकार प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
• इसके अन्तर्गत उंगलियों के निशान, हथेली के निशान, पैरों के निशान, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना के माप लेने के साथ ही लिखावट के नमूने का विश्लेषण करने की स्वीड्डति मिलेगी।
• यह विधेयक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को राज्य सरकारों, केन्द्र शासित प्रदेशों और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से डेटा एकत्र करने का अधिकार देता है।
• विधेयक के अनुसार डेटा को डिजिटल स्वरूप में 75 वर्षों तक रखने की आवश्यकता होगी जबकि ऐसे मामलों में विवरणों को समाप्त करने का प्रावधान भी है जहां व्यक्तियों को पहले दोषी नहीं ठहराया गया है और बिना मुकदमे के रिहा कर दिया गया है या न्यायालय द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया है।
• विधेयक में व्यवहार संबंधी विशेषताओं (हस्ताक्षर, लिखावट) और आपराधिक दंड संहिता की धारा 53 और 53 ए के अन्तर्गत की जाने वाली जांच (रक्त, बाल के नमूने, वीर्य, स्वैब, डीएनए प्रोफाइलिंग जैसे विश्लेषण) में भी विस्तार किया गया है।