- Sahitya Bhawan | Pratiyogita Sahitya RPSC Pradhyapak (School Shiksha) test book for subject Sanskrit includes solved paper of previous examination, theory based study material on prescribed and revised syllabus.
- The book contains important information about examination, text matter according to syllabus followed by questions as per the latest paper pattern.
- The text matter will help the students in understanding the subject.
- The questions have been prepared in such a manner that they cover the entire syllabus.
₹275.00 Original price was: ₹275.00.₹220.00Current price is: ₹220.00.
About the Author
महामहोपाध्याय
डॉ. मुरारी लाल अग्रवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय
आगरा जनपद की तहसील खेरागढ़ के पश्चिम में राजस्थान की सीमाओं से परिवृत्त जगनेर ब्लॉक के अन्तर्गत ग्राम मेवली में 5-01-1949 को जन्मे मुरारी लाल की प्रारम्भिक शिक्षा गांव की ही प्राथमिक पाठशाला में हुई। जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा जिले के विभिन्न विद्यालयों में सम्पन्न हुई। बचपन से ही प्रखर बुद्धि मुरारी लाल की उच्च शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय से हुई।
संस्कृत विषय के मूर्धन्य विद्वान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी तथा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व कुलपति परम श्रद्धेय डॉ. विद्यानिवास जी मिश्र के कुशल निर्देशन में महाकवि कालिदास के रघुवंश महाकाव्य का शैली वैज्ञानिक अध्ययन शीर्षक पर सन् 1983 में शोध उपाधि से विभूषित किया गया।
सर्वश्रेष्ठ शोध कार्य के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्णपदक से अलंकृत किया गया। प्रगति के पथ पर अग्रसर आदर्श व्यक्तित्व ने अगले सोपान पर कदम रखते हुए एस. आर. के. स्नातकोत्तर महाविद्यालय फिरोजाबाद के शोध एवं स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर अपनी अध्यापन यात्रा सन् 1984 से प्रारम्भ कर सन् 2013 तक पूर्ण कर ली। आपके अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ 35 से अधिक शोध-पत्र विभिन्न राज्य स्तरीय शोध पत्रिकाओं में स्थान पा चुके हैं। आपके निर्देशन में 35 शोधार्थियों ने शोध उपाधि प्राप्त की है। अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन किया है। आकाशवाणी केन्द्र आगरा से अनेक विषयों पर सन् 1990 से वार्ताएं प्रसारित होती रहती हैं। वर्तमान में आप कई शिक्षण संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सचिव के पद पर आसीन हैं।
योग्यता के आधार पर सेवानिवृत्ति के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा Emeritus Professor के रूप में नियुक्त किया गया। आठ मौलिक कृतियों के लेखक द्वारा 32 पुस्तकों का सम्पादन किया गया है तथा अभी भी ज्वलंत समस्या पर्यावरण के ऊपर लेखन कार्य में संलग्न हैं। इतना ही नहीं, लेखन के क्षेत्र में अग्रणी डॉ. मुरारी लाल अग्रवाल को सन् 2022 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयागराज द्वारा ‘संस्ड्डत महामहोपाध्याय सम्मान’, उ. प्र. संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा वर्ष 2021 का ‘‘सौहार्द सम्मान’’, उ. प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा वर्ष 2021 का ‘विशिष्ट पुरस्कार’, उ. प्र. भाषा संस्थान, लखनऊ द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश भाषा सम्मान 2020’’ उ. प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा वर्ष 2019 का ‘सर्जना पुरस्कार’, सर्वश्रेष्ठ शोधकार्य पर आगरा विश्वविद्यालय द्वारा सी. बी. अग्रवाल स्वर्णपदक, जनप्रेरणा सम्मान, पर्यावरण साधना सम्मान, साहित्य शिखर सम्मान, साहित्य सागर सम्मान, राष्ट्र गौरव सम्मान, राष्ट्र रत्न सम्मान, विद्योत्तमा साहित्य सम्राट सम्मान (नासिक), नवजोश फाउण्डेशन इण्डिया द्वारा हिन्द गौरव सम्मान 2022, श्री मातादीन मूर्तिदेवी स्मृति सम्मान (नारनौल) तथा विभिन्न साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा विभूषित किया जा चुका है।
Reviews
There are no reviews yet.