द्रौपदी मुर्मू: भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार और झारखण्ड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) भारत की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गई हैं।

  • मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
  •  21 जुलाई, 2022 को मतगणना के पश्चात् राष्ट्रपति चुनाव के रिटर्निंग आॅफिसर व राज्यसभा के महासचिव पी. सी. मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को भारत के अगले राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने की
    घोषणा की।
  • राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई, 2022 को हुए मतदान में संसद के दोनों सदनों के साथ सभी राज्य विधानसभाओं ;दिल्ली व पुडुचेरी सहितद्ध के निर्वाचित सदस्य निर्वाचक मण्डल में शामिल थे तथा इनके कुल मतों का मूल्य 10,72,377 था।
  •  21 जुलाई, 2022 को मतगणना के दौरान 53 सांसदों व विधायकों के मत अवैध घोषित किए गए।
  •  कुल पड़े वैध मतों में से द्रौपदी मुर्मू को 64.03 प्रतिशत (6,76,803) मत प्राप्त हुए, वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को 35.97 प्रतिशत ;3,80,177द्ध मत प्राप्त हुए।
  •  25 जुलाई, 2022 को संसद के केन्द्रीय कक्ष में मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमण ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके नए पद की शपथ दिलाई।
  • 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं (इस पद पर आसीन रहे व्यक्तियों की संख्या की दृष्टि से 14वीं) राष्ट्रपति हैं।
  • मुर्मू पहली राष्ट्रपति हैं जो स्वतंत्रता के पश्चात् जन्मी हैं। वह देश की सबसे युवा राष्ट्रपति बनी हैं।इसके साथ ही ओडिशा राज्य से आने वाली वह पहली राष्ट्रपति हैं।
  • निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का इस पद पर कार्यकाल 25 जुलाई, 2022 तक ही था।
  • भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल थीं।
    सम्बन्धित संवैधानिक प्रावधान
  •  अनुच्छेद 54: राष्ट्रपति का चुनाव।
  •  अनुच्छेद 55: राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया।
  •  अनुच्छेद 56: राष्ट्रपति के पद का कार्यकाल।
  •  अनुच्छेद 57: पुनर्निर्वाचन हेतु पात्रता।
  •  अनुच्छेद 58: राष्ट्रपति के रूप में चुनाव हेतु योग्यता।
    द्रौपदी मुर्मू: एक परिचय
  • द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में हुआ था।
  • शैक्षिक योग्यता: कला स्नातक, रमा देवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर।
  • कॅरियर के मुख्य बिन्दु: वर्ष 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद चुनी गईं।
    – 2000-2009 रायरंगपुर से दो बार भारतीय जनता पार्टी की विधायक रहीं।
    – 2000-2004 ओडिशा की नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहीं।
    – 2007 में उड़ीसा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक का ‘नीलकंठ सम्मान’ दिया गया।
    – 2015-2021 तक झारखण्ड की राज्यपाल रहीं।

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