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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 नवम्बर, 2022 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एकसमारोह में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश डी.वाई.चन्द्रचूड़ (D.Y.Chandrachud) को भारत के
नए मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई।

  • मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 10 नवम्बर, 2024 तक रहेगा।
  • उन्होंने न्यायाधीश यू.यू. ललित का स्थान लिया है, जिनका 74 दिनों का कार्यकाल 8 नवम्बर, 2022 को समाप्त हो गया था। न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक निर्णय देने
    वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठों का हिस्सा रहे हैं। इनमें अयोध्या भूमि विवाद, आईपीसी की धारा-377 के अन्तर्गत समलैंगिक सम्बन्धों की अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की
    वैधता से जुड़े मामले, सबरीमाला मुद्दा, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, व्यभिचार को अपराध की श्रेणी में रखने वाली आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक
    घोषित करने जैसे निर्णय शामिल हैं।
  • बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने से पूर्व, चन्द्रचूड़ ने सर्वोच्च न्यायालय और गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के उच्च न्यायालयों में एक वकील के रूप में कार्य किया था।
  • न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ ने 31 अक्टूबर, 2013 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
  •  न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने थे।
  •  न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ के पिता न्यायमूर्ति वाई. वी. चन्द्रचूड़ सबसे लम्बे समय तक ;22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक  (देश के ;16वें) मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
  •  भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सात दशक से अधिक लम्बे इतिहास में यह पहला अवसर है, जब पिता-पुत्र दोनों ही इस पद पर आसीन हुए हैं।