संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रारंभिक परीक्षा ही सफलता की पहली सीढ़ी है। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के पश्चात् ही आप मुख्य परीक्षा देने के लिए दावेदार बनते हैं, अतः इसे उत्तीर्ण करना इस प्रतिष्ठित परीक्षा में आगे बढ़ने की पहली शर्त है।
- यह चरण परीक्षा का सबसे कठिन, असंभावित एवं अप्रत्याशित चरण है अर्थात् इस चरण में अनुमान लगाना सबसे कठिन होता है। न तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सामान्य अध्ययन के किस खंड से अधिक प्रश्न पूछे जाने की संभावना है और ना ही यह कि सुरक्षित कट ऑफ स्कोर क्या होगा, जिसके आसपास उत्तीर्ण होने की उम्मीद की जा सके। यह चरण कठिन इसलिए नहीं है कि इसकी तैयारी मुश्किल है, अपितु कठिन इसलिए है क्योंकि इस चरण में प्रतिस्पर्धा सबसे अधिक है
योजना व पाठ्यक्रम
- प्रारंभिक परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। एक ही दिन में दो पालियों में संपन्न होने वाली इस परीक्षा में एक-तिहाई ऋणात्मक मार्किंग होती है। पहला प्रश्न-पत्र सामान्य अध्ययन (जीएस) का होता है, जिसमें कुल 200 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं। दूसरा प्रश्न-पत्र ‘सीसैट’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें 200 अंकों के 80 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह क्वालिफाइंग प्रश्न-पत्र है।
रणनीति
- समझते हुए चीजों को याद करें। केवल रटने से परीक्षा में सफलता नहीं मिलेगी।
- जहां से जो सीखने या जानने को मिले, उसे सीखते रहें। उदाहरण के रूप में मेट्रो ट्रेन या एफएम रेडियो पर आने वाली सरकारी योजनाओं और जागरूकता संबंधी विज्ञापन भी कई बार बहुविकल्पीय प्रश्नों में काम आ जाते हैं। इसी तरह इंडिया ईयरबुक, योजना, पीआईबी, मासिक पत्रिका प्रतियोगिता साहित्य करेन्ट अफेयर्स भी पढ़ते रहें।
- प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम के पहले पेपर में अधिकतर खंड ऐसे हैं, जो मुख्य परीक्षा में भी कार्य आते हैं, जैसे-करेंट अफेयर्स, इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन, भारत और विश्व का भूगोल, भारतीय राजव्यवस्था और संविधान, आर्थिक विकास और पर्यावरण। अतः इन खंडों पर अधिक फोकस करें,
क्योंकि ये परीक्षा के सभी चरणों में काम आते हैं।
- सामान्य अध्ययन के सभी खंडों से संबंधित नवीन समसामयिक घटनाओं पर विशेष ध्यान दें।
- गत् वर्षों में यह ट्रेंड रहा है कि प्रारंभिक परीक्षा के पहले पेपर में जीएस के विविध खंडों की आधारभूत समझ पर प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। इसके लिए छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक की साहित्य भवन की सामाजिक विज्ञान की पुस्तकें पढ़नी चाहिए।