वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2021 में भारत का 101वां स्थान

आयरलैण्ड की एजेंसी कंसर्न वल्र्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ ने संयुक्त रूप से
वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 (Global Hunger Index-GHI) की सूची 14 अक्टूबर, 2021 को
जारी की।
• यह पहली बार वर्ष 2006 में जारी किया गया था। यह प्रति वर्ष अक्टूबर में जारी किया जाता है।
इसका 2021 संस्करण GHI के 16वें संस्करण को संदर्भित करता है।
• इसका उद्देश्य वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापना और ट्रैक करना
है।
• 116 देशों की इस सूची में भारत को को 101वें स्थान पर रखा गया है। गत वर्ष भारत इस सूची में
94वें स्थान पर था।
• वर्ष 2021 के इस सूचकांक में चीन, ब्राजील और कुवैत सहित 18 देश पांच से भी कम GHI स्कोर
के साथ शीर्ष स्थान पर रहे।
पड़ोसी राष्ट्रों की स्थिति-पाकिस्तान (92वां ), नेपाल (76वां ), बांग्लादेश (76वां ), म्यांमार (71वां ),
श्रीलंका (65वां )।
सूचकांक तैयार करने के संकेतक-वे संकेतक जिनके आधार पर यह सूचकांक तैयार किया जाता
है, निम्न हैं-
(a) अल्प पोषण
(b) ऊंचाई के अनुपात में कम भार
(c) आयु के अनुपात में कम ऊंचाई
(d) बाल मृत्यु दर
भारतीय परिदृश्य
• वर्ष 2000 के बाद से भारत ने इस क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति की है, लेकिन अभी भी बाल पोषण चिंता
का मुख्य क्षेत्र बना हुआ है।
• वर्ष 2000 में भारत का GHI स्कोर 27.5 था जो वर्ष 2021 में बढ़कर 38.8 हो गया है। GHI का
यह स्कोर गंभीर स्तर का माना जाता है।
• इस स्कोर के आधार पर भारत का स्थान 15 सबसे निम्नतम देशों में है।
भारत का पक्ष
• महिला और बाल विकास मंत्रालय ने रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि इसके द्वारा इस्तेमाल
की जाने वाली कार्यप्रणाली अवैज्ञानिक है।
• रिपोर्ट में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्ना योजना (पीएमजीकेएवाई) और आत्मनिर्भर भारत योजना
जैसी कोविड अवधि के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के सरकार के बड़े पैमाने पर प्रयास की
अवहेलना की गई है।
क्या है वैश्विक भूख सूचकांक
यह सूचकांक प्रतिवर्ष विश्व भर में भूख के विरु( चल रहे अभियान की उपलब्धियों व असफलताओं
को दर्शाता है। ग्लोबल इंडेक्स स्कोर अधिक होने का तात्पर्य है कि उस देश में भूख की समस्या भी अधिक
है। इसी प्रकार यदि किसी देश का स्कोर कम होने का तात्पर्य है कि वहां हालात बेहतर हैं। इसे मापने के 4
मापदण्ड हैं-कुपोषण, शिशुओं में भयंकर कुपोषण, बच्चों के विकास में बाधा और बाल मृत्यु दर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

 
 
 

Product added!
The product is already in the wishlist!
Removed from Wishlist

Shopping cart

close