गोवा के लेखक दामोदर मौजो को देश के सर्वोच्च साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया।
- गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने 27 मई, 2023 को पणजी स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया।
- मौजो के प्रसिद्ध उपन्यास ‘कार्मेलिन’ को वर्ष 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।
- उनकी 25 पुस्तकें कोंकणी और 1 पुस्तक अंग्रेजी में प्रकाशित हो चुकी हैं। मौजो की कई पुस्तकों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार : एक परिचय
भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट ने वर्ष 1961 में ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ की शुरुआत की थी। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में अंकित 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखने वाला कोई भी व्यक्ति इस पुरस्कार के लिए अपना नाम भेज सकता है। - विजेता को ₹11 लाख नकद धनराशि, प्रशस्ति-पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा तथा प्रतीक चिन्ह प्रदान किए जाते हैं।
- वर्ष 1981 तक ज्ञानपीठ पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिए दिया जाता था। हालांकि इसके पश्चात् भारतीय साहित्य में लेखक के सम्पूर्ण योगदान को पुरस्कार का मानक बनाया गया।
- वर्ष 1965 में जी. शंकर कुरूप को मलयाली भाषा में लिखे उनके उपन्यास ‘ओटक्कुषल’ के लिए पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था।